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विश्व में सर्वाधिक प्रचलित कैलेण्डर को ग्रिगैरियन कैलेण्डर के नाम से जाना जाता है। इसके प्रारंभ होने के पीछे एक लंबी कहानी है।
प्राचीन रोम कैलेण्डर में एक वर्ष में 304 दिन होते थे एवं 10 महीनों के मध्य इनका अनियमित बँटवारा था। जूलियस सीजर ने इस कैलेण्डर में 66 दिन और जोड़ दिए और वर्षाे को 12 महीनों में बाँट दिया। यह कैलेण्डर जूलियस कैलेण्डर के नाम से विख्यात हुआ।
सम्राट ऑगस्टस ने भी कैलेण्डर में व्यापक संशोधन किए, परंतु असुविधाजनक विभाजन के कारण यह अधिक लोकप्रिय नहीं हो सका
लगभग 1500 वर्षो के पश्चात्, रोम के 13वें पोप ग्रेगरी ने इस कैलेण्डर में व्यापक संशोधन किए। उन्होंने जीजस क्राइस्ट की जन्मतिथि 1 जनवरी सन् 1 मानते हुए, उसी दिन से अपने कैलेण्डर को आरंभ किया तथा इसे 12 महीनों में बाँटा। पोप ग्रेगरी ने ही लीप वर्ष की नयी अवधारणा को जन्म दिया। सन् 1752 में संपूर्ण ब्रिटिश साम्राज्य में इसका प्रयोग प्रारंभ किया और तब से लेकर आज तक इसका महत्त्व बढ़ता गया।